दुनिया का सबसे महान सेल्समैन - हिन्दी बुक समरी | The Greatest Salesman in the world Hindi Book Summary


दुनिया का सबसे महान सेल्समैन-हिन्दी बुक समरी

मशहूर लेखक आग मेंडिनो के शब्दों में जादुई असर है | मन को बांध कर रखने वाली प्रभावशाली भाषा शैली में लिखी गयी यह अदभुत किताब दुनिया का सबसे महान सेल्समेन न सिर्फ एक सफल और महान सेल्समेन बनना सिखाती है जैसा कि इसके शीर्षक से जाहिर होता है बल्कि यह सिखाती है कि दौलतमंद, कामयाब और सुखी इंसान कैसे बने | चाहे आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई भी काम करतें हों | किताब में दस अनमोल सिद्धांत दिए गए हैं जो पूरी तरह नैतिकता पर आधारित हैं | लेखक ने इन सिद्धांतों को एक बहुत ही रोचक और मार्मिक कहानी के माध्यम से बताया है | इस कहानी का कालखंड लगभग ईसा मसीह के जन्म से पहले का है |  

ये कहानी दमिश्क के महान सेल्समेन हाफिद की  है |

हाफिद बचपन से ही अनाथ था | जिसे उस समय के दौलतमंद कारोबारी पाथरोस ने गोद ले लिया था | वह पाथरोस के कारोबार में मवेशीयों की देखभाल का काम करता था |
एक दिन अचानक हाफिद ने पाथरोस के सामने दौलतमंद बनने की इच्छा जाहिर की और कहा कि मैं आपकी तरह एक महान सेल्समेन बनना चाहता हूँ | पाथरोस ने सबसे पहले उस बच्चे हाफिद को समझाया कि केवल अमीर बनने के लिए दौलत और शोहरत की बात मत सोचो | इसके बजाय सुखी बनने की कोशिश करो , लोगों से प्रेम करो और उनके प्रिय बनो , और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि तुम मन की शांति हासिल करो |

दौलत तब अच्छी होती है जब यह दूसरों को सुख देती है |

पहले तो पाथरोस ने हाफिद की सेल्समेन बनने की इच्छा का कारण जानने की कोशिश की | हाफिद ने बताया कि जबसे उसने लीशा को देखा है तभी से ..... | पाथरोस पूरी बात समझ गया | लीशा उस समय के बेहद अमीर कारोबारी काल्नेह की पुत्री थी | लेकिन एक अमीर कारोबारी की पुत्री का विवाह एक मामूली मवेशिपालक से .... जो उस समय कभी संभव नहीं था | अब हाफिद की महत्वाकांक्षा की वजह पाथरोस को पूरी तरह समझ में आ गई |
 
पाथरोस ने हाफिद की सेल्समेन बनने की योग्यता को परखने के लिए उसे एक बेहतरीन वस्त्र दिया जो बकरी के बालों से बुना गया था | इसे एक खास पौधे के लाल रंग से रंगा गया था | जो भारी से भारी बरसात भी सहन कर सकता था | इसके कोने पर एक छोटे सितारे का निशान था और सितारे के पास ही एक वर्ग के भीतर गोले का निशान था जो पाथरोस का व्यापारिक निशान था | दोनों ही निशानों को पूरी दुनिया में इज्जत की निगाह से देखा जाता था | अगर इस वस्त्र को सावधानी से पहना जाय तो यह जीवन भर पहना जा सकता था | यानी अगर आज के सन्दर्भ में देखा जाय तो इस वस्त्र के साथ ब्रांड वैल्यू और वैल्यू फार मनी दोनों ही चीजें जुडी थी | पाथरोस ने यह वस्त्र हाफिद को बेचने के लिए दिया था | जो उसकी योग्यता का इम्तिहान था | कीमत के लिए एक चांदी का सिक्का पाथरोस को देना था और बाकी हाफिद को अपने पास रख लेना था |
शर्त के अनुसार इस इम्तिहान में पास होने के बाद ही पाथरोस उन दस अनमोल सिद्धांतों को हाफिद को बतायेगा जिनकी मदद से कोई भी दुनिया का महान सेल्समेन बन सकता है |
अगले दिन हाफिद उस वस्त्र को बेचने अपने खच्चर के साथ बेथलहम के बाजार में निकल गया | पाथरोस के कहे गए शब्द भी उसके साथ थे
अगर जीतने का दृढ संकल्प हो, तो इंसान कभी हार नहीं सकता |
बाजार में तीन-चार दिन बीतने के बाद भी जब वह वस्त्र नहीं बिका तो हाफिद अपनी बदकिस्मती के बारे में सोचने लगा | वह बहुत परेशान हो गया | जो शंकायें पुराने ज़माने से लेकर आज तक हर सेल्समेन को सताती हैं, वही शंकायें उसके मन को विचलित करने लगीं | जैसे -
लोग मेरी पूरी बात क्यों नहीं सुनते ? मेरे कुछ कहने से पहले ही लोग दरवाजा बंद क्यों कर लेते हैं ? मैं उनकी इस बात का क्या जवाब दूँ कि माल तो उन्हें पसंद है , परंतु इसे खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं | इतने सारे लोग मुझसे यह क्यों कहते हैं कि मैं बाद में किसी और समय अपना माल बेचने आऊँ | मुझसे एक वस्त्र नहीं बिक नहीं पा रहा है , दुसरे लोग इतना सारा सामान कैसे बेच लेते हैं | जब भी मैं किसी बंद दरवाजे के पास जाता हूँ तो मुझे इतना डर क्यों लगता हैं ? मैं अपने मन से इस डर को कैसे निकालूं ? कहीं ऐसा तो नहीं कि दूसरों की तुलना में मेरे सामान की कीमत ज्यादा है ?
गहरी सांस के साथ उसने सोचा शायद उसकी तकदीर में यह व्यवसाय करना नहीं लिखा है |
थकान भरे भारी कदमों के साथ हाफिद अपने खच्चर को साथ लिए एक गुफा में रात बिताने आ गया |
वहां पर एक अजीब घटना घटी |
गुफा में एक कोने में उसने एक दाढ़ी वाले आदमी और उसके पास एक महिला को देखा | जिनके कदमों में एक खोखला पत्थर था जिसमें एक नवजात शिशु सोया था | उसकी गुलाबी चमड़ी से लगता था वह बच्चा अभी पैदा हुआ है | हाफिद ने देखा कि किस वह बच्चा अपना मुँह खोलता और बंद करता हैं जैसे वह मुस्करा रहा हो | यह देखकर हाफिद को न जाने क्यों लीशा की याद आ गई |
उसके बाद हाफिद यानि भावी सेल्समेन ने अपने खच्चर पर लदे गट्ठर को खोलकर उसमें से वही लाल वस्त्र निकाला | एक बार उसे ध्यान से देखा जिस पर एक कोने में छोटे सितारे का निशान था और सितारे के पास ही एक वर्ग के भीतर गोले का निशान था जो पाथरोस का व्यापारिक निशान था | हाफिद ने उस वस्त्र को उस बच्चे के चारों तरफ से लपेटकर पहना दिया | बच्चे के मां-बाप हाफिद के इस दुस्साहस से हैरान भी थे लेकिन कुछ कह नहीं पाए |  
उसके बाद हाफिद अपने खच्चर के साथ गुफा के बाहर निकल आया | उसने आसमान की तरफ देखा जहाँ एक चमकदार सितारा चमक रहा था | उसने अपने जीवन में ऐसा सितारा कभी नहीं देखा था | वह उसे तब तक देखता रहा जब तक उसकी आँखों में आसूं नहीं आ गए |
अपने खच्चर के साथ वापस लौटते समय हाफिद अपने दिल पर अपनी असफलता का बोझ लिए था | जिस कीमती वस्त्र को मुनाफे के साथ बेचकर आना था , उसे उसने यूँ ही एक अजनबी बच्चे को दान में दिया था | उसने इतना निश्चित कर लिया था कि सफल सेल्समेन की बनने योग्यता उसमें बिलकुल नहीं थी | उसके सपने और लीशा हमेशा के लिए दूर होते दिख रहे थे | अब वह सोंच रहा था कि वह पाथरोस का सामना कैसे करेगा | उसने अपने मन में पाथरोस को मूर्ख बनाने के लिए एक अच्छी से कहानी तैयार कर ली कि गुफा में जब वह खाना खा रहा था तभी किसी चोर ने उसके गट्ठर को खोलकर उसका वस्त्र चुरा लिया |
पाथरोस ने जब हाफिद के खच्चर पर लदे खाली गट्ठर को देखा तो समझ गया कि वह अपने अभियान में सफल होकर लौटा है | हाफिद बाजार की सारी शंकाओं और नकारात्मक विचारों के बारे में पाथरोस को विस्तार से बताने लगा जो उस वक्त उसके दिमाग में आ रहीं थी | अंत में उसने कहा कि वह अब असफल हो गया है और कभी भी लीशा को हासिल नहीं कर पायेगा |
यह सुनते ही पाथरोस चौंक गया | उसने आश्चर्य से हाफिद को देखा और फिर खाली गट्ठर को देखा क्योंकि वस्त्र तो उसमें था ही नहीं | हाफिद ने पाथरोस को सारी बात सच्चाई से बता दी | गुफा की , बच्चे की, वस्त्र की | उसके बाद वह सिर झुकाकर सुबक-सुबक कर रोने लगा | उसमें पाथरोस से नजरें मिलाने का साहस नहीं हो पा रहा था |
पाथरोस ने अपने बूढ़े हाथों को हाफिद के कंधे पर रखकर कहा मेरे बच्चे ! इस अभियान में तुम्हें लाभ नहीं हुआ है, परंतु तुम असफल नहीं हुए हो | उसने हाफिद से पामिरा पहुँचने के बाद मिलने के लिए कहा |
दुबारा मिलने के बाद पाथरोस ने हाफिद से पूछा क्या तुम अब भी महान सेल्समेन बनना चाहते हो ?
हाँ ! मालिक, हाफिद ने कहा |
बूढ़े पाथरोस के कहने पर हाफिद ने बिस्तर के नीचे से एक संदूक निकाला | फिर पाथरोस ने कहना शुरू किया बरसों पहले मेरी स्थिति मवेशिपालक से भी गयी गुजारी थी | मैंने एक बार पूर्वी देश के एक यात्री को दो लुटेरों से बचाया था | लाख मना करने पर भी वह मुझे इनाम देना चाहता था | वह मुझे अपने परिवार के साथ ले गया | वहां उसने मुझे एक संदूक दिखाया जिसमें दस चमड़े के ताड़पत्र थे | हर ताड़पत्र पर एक सिद्धांत , एक रहस्य , एक ज्ञान लिखा था | जो भी इन ताड़पत्रों पर लिखे सिद्धांतों को अपने जीवन का हिस्सा बना ले तो वह दुनिया का महान सेल्समेन बन सकता है और बेशुमार दौलत और शोहरत हासिल कर सकता है | उसने मुझे दस ताड़पत्रों वाले संदूक और व्यापार शुरू करने के लिए पचास सोने के सिक्के दिए | उसने दो शर्तें भी रखी पहली यह कि मैं जितनी भी दौलत कमाऊंगा उसका आधा हिस्सा गरीबों और बदनसीबों में बाँट दूँ और दूसरी यह कि यह ताड़पत्र मैं न तो किसी को दे सकता था और न ही इनके सिद्धांत किसी को बता सकता था जब तक मुझे कोई ईश्वरीय संकेत न मिल जाये जो मुझे यह बता दे कि यह ताड़पत्र मुझे किसके हवाले करना है | जब तुम बेथलेहम की गुफा से बाहर निकले , उस बच्चे को वस्त्र दान करने के बाद | तुम्हारे सिर के ठीक ऊपर आसमान में एक सितारा चमक रहा था जो तुम्हारे साथ-साथ चल रहा था | उस सितारे की रोशनी ने मुझे अंधेपन से मुक्ति दिला दी | तुमने वह वस्त्र जिसे मुनाफे के साथ बेचना था, उस बच्चे को दान में दे दिया था | तुम्हारे विचार से तुम असफल हो गए थे | परंतु मैं ईश्वर की इच्छा को चुनौती नहीं दे सकता था | मेरे दिल की आवाज ने कहा कि मेरी खोज पूरी हो गई है |
बूढ़े पाथरोस ने दस ताड़पत्रों वाला संदूक और व्यापार शुरू करने के लिए सौ सोने की दीनार हाफिद के हवाले कर दिया और दमिश्क जाने को कहा | और शर्त रखी कि तुम इन ताड़पत्रों के सिद्धांतों को किसी से नहीं बताओगे , न ही किसी से इसका जिक्र करोगे | एक दिन कोई आदमी आयेगा और तुम्हे ईश्वरीय संकेत मिलेगा जैसे तुम्हारे सितारे और परोपकार के कार्य से मुझे मिला था | इस संकेत को पहचान कर तुम इन ताड़पत्रों के साथ इस संदूक को उसके हवाले कर दोगे |
जब संदूक लेकर हाफिद दरवाजे से बाहर निकला तो उसके गालों पर आंसू बह रहे थे | वह मालिक की तरफ मुड़ा और बोला
अगर जीतने का दृढ संकल्प हो, तो इंसान कभी हार नहीं सकता |

दमिश्क आने के बाद हाफिद ने उस छोटे से संदूक को खोला और चमड़े के ताड़पत्रों को गौर से देखा | उसने पहला ताड़पत्र निकाला और उसे पढना शुरू किया |
आज मैं एक नयी जिंदगी शुरू करूँगा |
आज मैं अपनी पुरानी चमड़ी को उतार फेकूँगा जिस पर असफलता की चोट के निशान हैं, और नाकामयाबी के घाव हैं |
मैंने जो कैरिएर चुना है उसमें सफलता के बहुत अवसर हैं, परंतु इसमें दुःख और निराशा भी कम नहीं है | परंतु मैं औरों की तरह असफल नहीं होऊंगा क्योंकि मेरे हाथों में वह  नक्शा है जो मुझे इस तूफानी समुद्र में किनारे तक पहुँचने का रास्ता दिखायेगा | जो कल तक मेरे लिए एक सपना था वह आज इस नक़्शे की मदद से मेरे लिए हकीकत बन जायेगा |
अगर मैं संघर्ष करूँगा तो मैं असफल नहीं हो सकता | जिस तरह प्रकृति ने मेरे शरीर में दर्द के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी है , उसी तरह प्रकृति ने मेरी जिंदगी में असफलता के लिए भी कोई जगह नहीं छोड़ी है | दर्द की ही तरह असफलता भी मेरे जीवन के लिए बाहरी तत्व है | अतीत में , मैंने इसे उसी तरह स्वीकार किया था , जिस तरह मैं दर्द को स्वीकार करता था | अब मैं इसे अस्वीकार करता हूँ | अब मैं उस ज्ञान और उन सिद्धांतों के लिए तैयार हूँ जो मुझे अँधेरे से बाहर निकालकर दौलत, प्रतिष्ठा और सुख की रोशनी में ले जायेंगे |
मैं धैर्य की कला का अभ्यास करूँगा क्योंकि प्रकृति कभी भी जल्दबाजी में कोई काम नहीं करती |
मैं अपनी यात्रा शुरू करते समय अपने दिमाग में कोई बोझ नहीं रखूँगा | मैं अपने साथ अनावश्यक ज्ञान का कोई बोझ लेकर नहीं चलूँगा , न ही अर्थहीन अनुभव की अडचनों को अपने साथ रखूँगा |
केवल सच्चे सिद्धांत ही कामयाब होते हैं | सफलता क्या है ? यह एक मानसिकता है | असफलता क्या है ? यह अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने की अयोग्यता या असमर्थता है , चाहे वे लक्ष्य कुछ भी हों ?
वास्तव में , असफल सफल लोगों में केवल आदतों का फर्क होता है | अच्छी आदतें हर तरह की सफलता की कुंजी है | बुरी आदतें असफलता का दरवाजा खोल देती हैं | इसलिए मैं जिस पहले नियम का पालन करूँगा वह नियम बाकि सारे नियमों के ऊपर आता है

मैं अच्छी आदतें डालूँगा और उनका गुलाम बन जाऊंगा |

बचपन में मैं अपनी इन्द्रियों का गुलाम था , अब मैं अपनी आदतों का गुलाम हूँ , जिस तरह सभी लोग होते हैं | वर्षों की सीखी आदतों ने मेरी इच्छाशक्ति को कमजोर बना दिया है | अतीत के कामों ने मेरे लिए एक ऐसा रास्ता बना दिया है जिसमें मेरा भविष्य कैद होता दिखता है | मैं भूख , भावना , पूर्वाग्रह , लोभ , प्रेम , डर , माहौल और आदतों के कारण काम करता हूँ और इन सभी में सबसे निरंकुश शासक है आदत | इसलिए अगर मुझे आदत का गुलाम बनना ही है तो मैं अच्छी आदतों का गुलाम क्यों न बनूँ ? मैं अपनी बुरी आदतों को जड़ से उखाड़ फेकूँगा और अच्छे बीजों के लिए नई क्यारी तैयार करूँगा |

मैं अच्छी आदतें डालूँगा और उनका गुलाम बन जाऊंगा |

प्रकृति का नियम है कि एक आदत दूसरी आदत को दबा सकती है | सफलता हासिल करने के लिए सबसे पहले तो मुझे यह नई आदत डालना होगी | मैं खुद से वादा करता हूँ कि कोई भी चीज मेरे नये जीवन के विकास में बाधा नहीं डाल सकती |
आज मेरी पुरानी चमड़ी धूल की तरह हो गयी है | मैं मनुष्यों में सबसे ऊंचा हो जाऊंगा और वे मुझे पहचान नहीं पाएंगे क्योंकि आज मैं एक नया इंसान बन गया हूँ मेरा नया जीवन शुरू हुआ है |
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दुनिया का सबसे महान सेल्समैन

दूसरा ताड़पत्र

मैं अपने दिल में प्रेम भरकर इस दिन की शुरूआत करूँगा |

हर काम में सफलता का यह सबसे महान रहस्य है | प्रेम की अदृश्य शक्ति लोगों के दिल के दरवाजे खोल सकती है और मैं जब तक इस कला को नहीं सीख लेता तब तक मैं बाजार में चिल्ला रहे साधारण फेरीवाले से ज्यादा कुछ नहीं बन सकता | मैं प्रेम को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाऊंगा और इसके बाद कोई भी मेरा मुकाबला नहीं कर पायेगा | मेरा प्रेम सबके दिलों को उसी तरह पिघला देगा जिस तरह सूर्य की किरणें बर्फ को पिघलाती हैं |
मैं रोशनी से इसलिए प्रेम करूँगा क्योंकि यह मुझे रास्ता दिखाती है , और मैं अँधेरे से इसलिए प्रेम करूँगा क्योंकि यह मुझे तारे दिखाता हैं | मैं सुख का स्वागत करूँगा क्योंकि यह मेरे दिल को बड़ा बनता है और मैं दुःख को भी सहन करूँगा क्योंकि यह मेरी आत्मा को खोल देता है | मैं पुरस्कारों का स्वागत करूँगा क्योंकि वे मेरी मेहनत का इनाम हैं , और मैं बाधाओं को भी स्वागत करूँगा वे मेरे लिए चुनौती हैं |

मैं अपने दिल में प्रेम भरकर इस दिन की शुरूआत करूँगा |

मैं हर तरह के इंसान से प्रेम करूँगा क्योंकि हर एक में कोई न कोई अच्छी बात तो होती ही है चाहे वह हमें पहली नजर में दिखाई न दे | मैं संदेह और नफरत की उस दीवार को , जो उन्होंने अपने दिलों के चारों तरफ बनाई है , अपने प्रेम से तोड़ दूंगा | और इस दीवार की जगह मैं पुल बनाऊंगा जिनके माध्यम से मेरा प्रेम उनकी आत्मा तक पहुँच सके |

मैं अपने दिल में प्रेम भरकर इस दिन की शुरूआत करूँगा |

जिस तरह प्रेम लोगों के दिल तक पहुँचने का मेरा हथियार है , उसी तरह प्रेम मेरा कवच भी है, जो मुझे नफरत के तीरों गुस्सों के भालों से बचायेगा | दुःख और उत्साहहीनता मेरे इस नये कवच से टकराकर चकनाचूर हो जायेंगे | यह मुझे निराशा के क्षणों में ऊँचा उठाएगा और यह मुझे उल्लास के क्षणों में शांत करेगा |
मैं अपने शरीर , मस्तिष्क , आत्मा और दिल में आने वाली हर चीज का पूरा ध्यान रखूँगा | कभी भी मैं अपने शरीर के आग्रहों के आकर्षण में नहीं फसूंगा | इसके बजाय मैं अपने शरीर को साफ और संयमित रखूँगा | मैं कभी अपने मस्तिष्क को बुराई और निराशा की तरफ आकर्षित नहीं होने दूँगा |इसके बजाय मैं इसे साधना और प्रार्थना से ऊपर उठाऊंगा |

मैं अपने दिल में प्रेम भरकर इस दिन की शुरूआत करूँगा |

प्रेम के सहारे अपनी बिक्री को सौ गुना बढ़ाऊंगा और महान सेल्समेन बन जाऊंगा | अगर मुझमें कोई और गुण न भी हो , तो भी मैं केवल प्रेम के सहारे ही सफल हो सकता हूँ | इसके बिना मैं अवश्य असफल हो जाऊंगा चाहे मेरे पास दुनिया का बाकी सारा ज्ञान और काबिलियत हो
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दुनिया का सबसे महान सेल्समैन

तीसरा ताड़पत्र

मैं तब तक जुटा रहूँगा जब तक कि मैं सफल न हो जाऊं |

अगर मैं जुटा रहूँगा , अगर मैं लगातार कोशिश करता रहूँगा , अगर मैं आगे बढ़कर लड़ता रहूँगा , तो मैं निश्चित रूप से सफल हो जाऊंगा |
मैं इस संसार में हारने के लिए नहीं आया हूँ , न ही मेरी शिराओं में असफलता प्रवाहित हो रही है | मैं कोई भेड़ नहीं हूँ जिसे कोई गड़रिया हांकें | मैं एक शेर हूँ और मैं भेड़ों के झुण्ड की तरह बात करने , चलने और सोने से इनकार करता हूँ | मैं उन लोगों की बात नहीं सुनुँगा जो रोते और शिकायत करते हैं | मैं उन भेड़ों के झुण्ड में शामिल नहीं हो सकता | असफलता की बलिवेदी मेरा भाग्य नहीं बन सकती |

मैं तब तक जुटा रहूँगा जब तक कि मैं सफल न हो जाऊं |

मैं हमेशा अगला कदम उठाने के लिए तत्पर रहूँगा | अगर उस कदम के बाद भी मुझे सफलता नहीं मिलेगी , तो मैं एक और कदम उठाऊंगा और इसके बाद एक और कदम | क्योंकि एक समय में एक कदम उठाना जरा भी कठिन नहीं है |
आगे से मैं हर दिन के प्रयास को एक मजबूत वृक्ष पर कुल्हाड़ी के प्रहार की तरह समझूंगा | हो सकता है कि पहले प्रहार से वृक्ष को कोई फर्क न पड़े , न ही दुसरे या तीसरे प्रहार से | हर प्रहार अपने आप में तुच्छ हो सकता है , जिसका कोई परिणाम न निकले | परंतु इसी तरह के बहुत से प्रहारों से वृक्ष आखिरकार धराशायी हो जायेगा | आज के मेरे प्रयासों के साथ भी यही बात सच है |

मैं तब तक जुटा रहूँगा जब तक कि मैं सफल न हो जाऊं |

मैं उस बारिश की लगातार गिरती हुई उस बूंद की तरह बनूँगा जो पहाड़ को धो देती है , उस चींटी की तरह जो शेर को चट कर जाती है | मैं अपने महल को एक बार में एक-एक ईंट करके बनाऊंगा क्योंकि मैं जानता हूँ कि अगर छोटे- छोटे प्रयास लगातार किये जायें तो इन्सान निश्चित रूप से सफल होता है |
मैं कभी हार के बारे में नहीं सोचूंगा और मैं अपने शब्दकोष से इस तरह के शब्द निकाल दूँगा जैसे - "छोड़ना , नहीं कर सकता , असमर्थ , असंभव , इसका सवाल ही नहीं उठता , निराशा और पीछे हटना |" क्योंकि ये सभी मूर्खतापूर्ण शब्द हैं | मैं निराशा से बचकर निकलूँगा | अगर यह मानसिक बीमारी मुझे लग जाये तो मैं इसका इलाज करूँगा | मैं मेहनत करूँगा और मैं सहन करूँगा | मैं अपने सामने आयी बाधाओं को नजरअंदाज कर दूँगा और मैं अपनी आँखों को अपने सिर के ऊपर के लक्ष्यों पर स्थिर रखूँगा |

मैं तब तक जुटा रहूँगा जब तक कि मैं सफल न हो जाऊं |

मैं कोशिश करूँगा , कोशिश करूँगा और बार-बार कोशिश करूँगा | मैं हर बाधा को अपने लक्ष्य की राह में एक मोड़ समझूंगा और उसे अपने व्यवसाय की चुनौती के रूप में लूँगा | मैं जुटा रहूँगा और उसी तरह अपनी कुशलता को माँजूंगा जिस तरह एक नाविक करता है , हर तूफानी यात्रा में सफ़र करना सीखकर |
मैं बीते हुए कल की हर अच्छी-बुरी घटना को भूल जाऊंगा और इस विश्वास के साथ नये सूरज का स्वागत करूँगा कि आज का दिन मेरे जीवन का सर्वश्रेठ दिन होगा |
मैं अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुटा रहूँगा | क्योंकि अब मैं सफलता के महानतम रहस्य को जान गया हूँ | अगर मैं लंबे समय तक जुटा रहूँगा तो मैं निश्चित रूप से सफल हो जाऊंगा | मैं जुटा रहूँगा | मैं सफल हो जाऊंगा |
दुनिया का सबसे महान सेल्समैन, The Greatest Salesman in the world  Hindi Book Summary
दुनिया का सबसे महान सेल्समैन

चौथा ताड़पत्र

मैं प्रकृति का सबसे महान चमत्कार हूँ |

आज तक कोई इन्सान ऐसा नहीं हुआ जिसके पास मेरे जैसा दिमाग, दिल, ऑंखें , कान , हाथ , बाल और मुंह हो | न तो आज से पहले कोई मेरे जैसा हुआ है , न आज कोई ऐसा है और न ही आगे आने वाले कल में कोई ऐसा होगा जो बिलकुल मेरी तरह चलता , बोलता और सोचता होगा | सभी मनुष्य मेरे भाई हैं परंतु मैं उन सबसे अलग हूँ | मैं विधाता की अदभुत कृति हूँ |

मैं प्रकृति का सबसे महान चमत्कार हूँ |

दूसरों की नक़ल करने की असफल कोशिश मैं अब नहीं करूँगा | इसके बजाय मैं अपनी अदभुत क्षमता का प्रदर्शन करूँगा | मैं इसकी घोषणा करूँगा कि मैं दूसरों से कितना अलग हूँ | मैं दुर्लभ हूँ और चूँकि हर दुर्लभ चीज मुल्यवान होती है , इसलिए मैं भी मूल्यवान हूँ | परंतु मेरी काबिलियत , मेरा मस्तिष्क , मेरा हृदय और मेरा शरीर अगर मैं उनका सही उपयोग नहीं करूँगा तो यह सभी रुक जायेंगे , सड़ जायेंगे और मर जायेंगे | मुझमें असीमित क्षमता है | गुजरे हुए कल की उपलब्धियों से मैं आज सौ गुना सफलता हासिल कर सकता हूँ और मैं आज से यही करूँगा | मैं अदभुत होकर पैदा हुआ हूँ तो मुझे जीवन में कुछ अदभुत करके दिखाना चाहिए | क्यों न मैं अपने आज के काम को अदभुत तरीके से करूँ ?

मैं प्रकृति का सबसे महान चमत्कार हूँ |

मैं इस धरती पर किस्मत से नहीं हूँ | यहाँ मेरा एक लक्ष्य है और वह लक्ष्य है किसी पहाड़ की तरह महान बनना , न कि बालू के कण की तरह तुच्छ बनना | आगे से मैं इस तरह से कोशिश करूँगा कि मैं सबसे ऊँचा पहाड़ बन सकूँ और मैं अपनी क्षमताओं पर इतना अधिक दबाव डालूँगा कि वे दया की भीख मांगने लगें |
मैं अपना माल बेचने के लिए शब्दों का अभ्यास करूँगा , उन्हें सुधारूँगा और उन्हें चमकाता रहूँगा क्योंकि यही वह आधारशिला है , जिस पर मैं अपने कैरिएर का महल बनाऊंगा | मैं अपने व्यवहार और आचरण को सुधारने की भी लगातार कोशिश करूँगा क्योंकि यही तो वह शहद है जिसकी तरफ सभी खिंचे चले आयेंगे |

मैं प्रकृति का सबसे महान चमत्कार हूँ |

मैं इस क्षण की चुनौती पर अपनी ऊर्जा को केन्द्रित करूँगा और अपने काम की धुन में बाकी हर चीज भूल जाऊंगा |
मैं यह देख सकता हूँ कि मेरी सारी समस्याएँ , निराशाएं और दिल का दर्द वास्तव में छुपे अवसर थे | मैं अब अवसर की पोशाक देखकर मूर्ख नहीं बनूँगा क्योंकि अब मेरी आँखें खुल चुकी हैं | मैं अब कपड़ों के पार देखूंगा और अब मैं धोखा नहीं खाऊंगा |
मैं एक लक्ष्य के साथ पैदा हुआ हूँ | अतीत में मैं इस बात से अनजान था, परंतु अब यह सिद्धांत मेरे जीवन को आकार देगा और मुझे राह दिखायेगा |

मैं प्रकृति का सबसे महान चमत्कार हूँ |

और प्रकृति हारना नहीं जानती | आखिरकार वह जीतती है और इसी तरह मैं भी जीतकर दिखाऊंगा और मैं जीतूँगा क्योंकि मैं अदभुत हूँ |
दुनिया का सबसे महान सेल्समैन, बुक समरी इन हिन्दी
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पांचवां ताड़पत्र

मैं यह दिन इस तरह जियूँगा जैसे ये मेरा आखिरी दिन हो |

मैं कल के दुर्भाग्यों , कल की पराजयों , कल की निराशाओं के बारे में अफ़सोस करने में एक भी क्षण बर्बाद नहीं करूँगा | मैं गुजरे हुए कल के बारे में तो सोचूंगा ही नहीं , आने वाले कल के बारे में भी नहीं सोचूंगा |
मेरे पास जो भी है , बस यही एक दिन है | मैं सुबह का स्वागत खुश होकर करूँगा | मैं हर नये दिन के अमर उपहार का धन्यवाद देने के लिए अपनी बाहें ऊपर उठाऊंगा | यही नहीं , मैं अपने दिल पर कृतज्ञता से हाथ भी रखूँगा | मैं वास्तव में एक खुशकिस्मत इंसान हूँ |

मैं यह दिन इस तरह जियूँगा जैसे ये मेरा आखिरी दिन हो |

मेरे पास एक ही जीवन है , और जीवन और कुछ नहीं है , समय का नाप है | जब मैं एक को बर्बाद करता हूँ तो मैं दूसरे को बर्बाद करता हूँ | अगर मैं अपने को बर्बाद करता हूँ तो अपने जीवन के आखिरी पन्ने को नष्ट करता हूँ | इसलिए , इस दिन के हर घंटे को मैं बहुत मूल्यवान समझूँगा | इस दिन के हर मिनट को मैं अपने दोनों हाथों से जकड़ लूँगा और प्रेम से गले लगा लूँगा क्योंकि इसका मूल्य बेशकीमती है | मैं उन्हें अनमोल बना दूँगा |

मैं यह दिन इस तरह जियूँगा जैसे ये मेरा आखिरी दिन हो |

मैं समय बर्बाद करने वाले लोगों और बातों से बचूँगा | तत्काल काम करके मैं आलस को ख़त्म कर दूँगा | श्रद्धा की मदद से मैं शंका को दबा दूँगा | विश्वास के बल पर मैं डर को जीत लूँगा |
मैं हर दिन को अपने जीवन का सबसे बेहतरीन दिन बनाऊंगा | इस दिन मैं हर मिनट का पूरी तरह स्वाद लूँगा | मैं एक-एक पल का पूरा आनंद लूँगा और इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद दूँगा |
मैं पहले से ज्यादा मेहनत करूँगा और अपनी मांसपेशियों से इतनी मेहनत करवाऊंगा कि वे दया की भीख माँगने लगे और मैं इसके बाद भी कोशिश करता रहूँगा | मैं पहले से ज्यादा लोगों को अपना सामान बेचूँगा | मैं पहले से ज्यादा सामान बेचूँगा | आज का एक-एक मेरे लिए गुजरे हुए कल के कई घंटे से ज्यादा फायदेमंद होगा | मेरा आखिरी दिन मेरा सर्वश्रेष्ठ दिन होना चाहिए |
Book summary The Greatest Salesman in the world , The Greatest Salesman in the world book summary
दुनिया का सबसे महान सेल्समैन

छठवां ताड़पत्र

आज मैं अपनी भावनाओं को काबू में रखूँगा |

पूरी प्रकृति मनोदशाओं का एक चक्र है | मैं भी प्रकृति का एक हिस्सा हूँ | मेरे अंदर एक चक्र है , जो दुःख से सुख की तरफ , उल्लास से निराशा की तरफ , ख़ुशी से उदासी की तरफ लगातार घूमता रहता है | उन फूलों की तरह जो आज ख़ुशी से खिले हुए हैं पर कल मुरझा जायेंगे | परंतु मैं यह याद रखूँगा कि आज का मुरझाया हुआ फूल कल खिलने वाले बीज का सन्देश लेकर आता है | इसी तरह आज का दुःख कल के सुख का बीज लेकर आता है |
मैं अपना मौसम खुद बनाऊंगा , हाँ , मैं अपने मनचाहा मौसम अपने साथ लेकर चलूँगा | ताकि हर दिन ख़ुशी का दिन बन जाये और सार्थक हो |

आज मैं अपनी भावनाओं को काबू में रखूँगा |

अगर मैं निराश हूँ तो मैं गाऊंगा | अगर मैं दुखी हूँ तो मैं हसूंगा | अगर मैं बीमार हूँ तो मैं दुगना काम करूँगा | अगर मुझे डर लगता है तो मैं तेजी से आगे बढ़ जाऊंगा | अगर मैं खुद को हीन समझता हूँ तो मैं नये वस्त्र पहनूंगा | अगर मैं अनिश्चय की स्थिति में हूँ तो मैं अपनी आवाज बढ़ा दूँगा | अगर मैं गरीबी अनुभव करता हूँ तो मैं आगे आने वाली दौलत के बारे में सोचूँगा | अगर मैं खुद को अयोग्य समझता हूँ तो मैं अपनी पिछली सफलता को याद करूँगा | अगर मैं खुद को महत्वहीन समझता हूँ तो मैं अपने लक्ष्यों को याद करूँगा |

आज मैं अपनी भावनाओं को काबू में रखूँगा |

मैं यह ध्यान रखूँगा कि चाहे हममें कितनी भी कम योग्यता हो, हम सर्वश्रेष्ठ बन सकते हैं | अगर मुझमें अति आत्मविश्वाश आता है तो अपनी असफलताओं को याद करूँगा | अगर मैं ज्यादा विलासी होता हूँ तो मैं भूख के अपने पिछले दौर को याद करूँगा | अगर मैं आत्मसंतोष अनुभव करता हूँ तो मैं अपनी प्रतियोगिता को याद करूँगा | अगर मुझे महानता के क्षणों का आनंद मिलता है , तो मैं शर्म के क्षणों को याद करूँगा | अगर मैं सर्वशक्तिमान महसूस करता है तो मैं हवा को रोकने की कोशिश करूँगा | अगर मैं ढेर सारी दौलत हासिल करता हूँ तो मैं किसी भूखे को याद करूँगा | अगर मैं ज्यादा घमंडी होता हूँ तो मैं कमजोरी के क्षणों को याद करूँगा | अगर मैं समझता हूँ कि मेरी कला का कोई सानी नहीं है तो मैं सितारों की तरफ देखूँगा |

आज मैं अपनी भावनाओं को काबू में रखूँगा |

इस नये ज्ञान के सहारे मैं अपने खरीदार की मनोदशा को भी समझ लूँगा | मैं आज उसके गुस्से और चिडचिडेपन को सहन कर लूँगा , मैं उसके चलाये हुए तीरों और अपमानों को इसलिए चुपचाप सहन करूँगा क्योंकि अब मैं जान गया हूँ कि कल वह बदल जायेगा और ख़ुशी-ख़ुशी मेरी तारीफ करेगा | मैं अब बदलती मनोदशा के इस रहस्य को समझ चूका हूँ और इस ज्ञान से मुझे दौलत की कुंजी हासिल हुई है |
मैं सकारात्मक कार्यों द्वारा अपनी मनोदशा पर काबू पाउँगा और जब मैं अपनी मनोदशा पर काबू पा लूँगा तो मैं अपने भाग्य पर भी काबू पा लूँगा |
आज मैं अपनी तक़दीर खुद लिखूंगा और मेरी तक़दीर है - दुनिया का सबसे महान सेल्समेन बनना |
मैं अपना मालिक खुद बनूँगा |
मैं महान बनूँगा |
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दुनिया का सबसे महान सेल्समैन


सातवां ताड़पत्र

मैं दुनियां पर हसूंगा |

मैं मुस्कराऊंगा और इसमें मेरा पाचन भी सुधरेगा | मैं खिलखिलाउंगा और मुझे अपने बोझ हल्के लगेंगे | और मेरा जीवन लम्बा हो जायेगा क्योंकि यह दीर्घायु का महान रहस्य है और इसे जान गया हूँ | मैं मस्तिष्क के इस सुनहरे जाल में कभी नहीं फसूँगा | हालाँकि मैं प्रकृति का महानतम चमत्कार हूँ , परंतु क्या मैं दुनिया के विशाल कालखंड में एक तिनके की तरह नहीं हूँ ? अगर ऐसा है तो फिर मैं आज की छोटी-छोटी घटनाओं से परेशान क्यों रहूँ |
मैं उन चार शब्दों को बोलने की आदत डालूँगा | जब भी मेरी मनोदशा ख़राब होने वाली होगी, यह शब्द तत्काल मेरे दिमाग में आ जायेंगे | यह चार शब्द हैं यह भी गुजर जायेगा |

मैं दुनियां पर हसूंगा |

क्योंकि सभी सांसारिक चीजें सचमुच गुजर जाएँगी | जब भी मैं दुखी होऊंगा तो मैं खुद को यह तसल्ली दे लूँगा कि यह मुश्किल भी गुजर जाएगी | जब मैं सफलता की वजह से हवा में उड़ रहा होऊंगा तो मैं खुद को यह चेतावनी दूँगा कि यह भी गुजर जाएगी | जब मैं गरीबी के दलदल में फंसा होऊंगा तो मैं खुद को बताऊंगा कि यह वक्त भी गुजर जायेगा | जब मैं बेशुमार दौलत का मालिक बन जाऊंगा तो मैं खुद को बताऊंगा कि यह वक्त भी गुजर जायेगा | अगर सारी चीजें नश्वर हैं , अगर सारी चीजें गुजर जाएँगी तो फिर मैं आज के बारे मैं चिंतित क्यों रहूँ ?

मैं दुनियां पर हसूंगा |

और मेरे हंसने से सारी चीजें अपने असली रूप में दिखाई देने लगेंगी | मैं अपनी असफलताओं पर हसूंगा और वे नए सपनों के बादलों में कहीं गम हो जाएँगी | मैं अपनी सफलताओं पर भी हसूंगा और वे सच्चे रूप में मुझे नजर आने लगेंगी |
और जब तक मैं हंस सकूँगा तब तक मैं कभी गरीब भी नहीं रहूँगा | यह प्रकृति के महानतम उपहारों में से एक है और मैं इसे बर्बाद नहीं करूँगा | केवल हंसी और सुख के माध्यम से मैं सचमुच सफल बन सकता हूँ |
मैं सुखी हो जाऊंगा | मैं सफल बन जाऊंगा |
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दुनिया का सबसे महान सेल्समैन

आठवां ताड़पत्र

आज मैं अपने जीवन का मूल्य सौ गुना बढ़ाऊंगा |

शहतूत की पत्ती इंसान की प्रतिभा के स्पर्श से रेशम बन जाती है | मिटटी का मैदान इंसान की प्रतिभा के स्पर्श से महल बन जाता है | साइप्रस का पेड़ इंसान की प्रतिभा के स्पर्श से तीर्थस्थान बन जाता है | भेड़ के बाल इंसान की प्रतिभा के स्पर्श से राजा की पोशाक बन जाते हैं |
अगर यह पत्तियों , मिटटी , लकड़ी और बालों के लिए संभव है कि वे इंसान की प्रतिभा के स्पर्श से अपने मूल्य को सौ गुना , या हजार गुना बढ़ा लें तो क्या मैं अपने साथ ऐसा नहीं कर सकता |

आज मैं अपने जीवन का मूल्य सौ गुना बढ़ाऊंगा |

बढ़ने और कई गुना होने के लिए यह आवश्यक है कि गेहूं के बीज को अँधेरे में बोया जाये | मेरी असफलताएं , मेरी निराशाएं , मेरा अज्ञान और मेरी अयोग्यताएं ही वह अंधकार है जिनमें मुझे उगने के लिए बोया गया है | गेहूं का बीज केवल तभी अंकुरित और पल्लवित होगा जब उसे बारिश, धूप और गर्म हवाएं मिलें |
सबसे पहले तो मैं दिन , सप्ताह , महीने , साल और जीवन भर के लिए अपने लक्ष्य निर्धारित करूँगा | जिस तरह गेहूं के बीज के पनपने और बढ़ने के लिए बारिश का होना जरुरी है , उसी तरह मेरे जीवन के सफल होने के लिए  लक्ष्यों का होना जरुरी है |

आज मैं अपने जीवन का मूल्य सौ गुना बढ़ाऊंगा |

लक्ष्यों की ऊंचाई से मैं जरा भी नहीं घबराऊंगा , हालाँकि मैं उन तक पहुँचने से पहले कई बार लड़खड़ाऊँगा जरुर | अगर मैं गिर जाऊंगा , तो मैं फिर से उठ खड़ा होऊंगा | केवल एक रेंगने वाला कीड़ा ही कभी नहीं गिर सकता | मैं कोई कीड़ा नहीं हूँ | मैं एक इंसान हूँ |
आज मैं कल से बेहतर काम करूँगा |
दूसरों के काम से आगे निकलना महत्वपूर्ण नहीं है , खुद के काम से आगे निकलना ज्यादा महत्वपूर्ण है |

आज मैं अपने जीवन का मूल्य सौ गुना बढ़ाऊंगा |

मैं बहुत छोटे लक्ष्य नहीं बनाऊंगा | जैसे ही मैं अपने लक्ष्यों को हासिल करूँगा , मैं हमेशा लक्ष्यों को और ऊँचा कर लूँगा |
मैं हमेशा अगले घंटे को पिछले घंटे से बेहतर बनाने की कोशिश करूँगा |
मैं कभी भी अपनी उपलब्धियों का बखान नहीं करूँगा | बेहतर यही होगा कि दुनिया मेरी तारीफ करे और मुझमें इतनी बुध्धि रहे कि मैं विनम्रता से उस तारीफ को स्वीकार करूँ|
जब मेरे लक्ष्य पूरे हो जायेंगे तो मैं एक बार फिर लक्ष्य निर्धारीत करूँगा और एक बार फिर | और पूरी दुनिया आश्चर्य करेगी कि मैं कितना महान हूँ |
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दुनिया का सबसे महान सेल्समैन

नवां ताड़पत्र

मैं आज ही अभी काम शुरू करूँगा |

मेरे सपने बेकार हैं , मेरी योजनायें कचरा हैं , मेरे लक्ष्य असंभव हैं | इन सबका कोई मूल्य नहीं है , जब तक कि मैं काम न करूं |
कर्म , केवल कर्म ही वह आग है जो मेरे सपनों , मेरी योजनाओं , मेरे लक्ष्यों को जीवंत बनाती है | कर्म ही वे आहार और पेय हैं जिनसे मैं अपनी सफलता को पोषण देता हूँ |

मैं आज ही अभी काम शुरू करूँगा |

आज तक मैं काम करने में देर इसलिए लगाता रहा क्योंकि मैं डरा हुआ था | डर को जीतने के लिए मुझे बिना झिझके , बिना रुके काम करते रहना चाहिए और अगर मैं ऐसा करूँगा तो मेरे दिल में उठ रही शंकायें अपने आप ख़त्म हो जाएँगी | कर्म में इतनी शक्ति है कि वह आतंक के शेर को शांति की चींटी में बदल सकता है |

मैं आज ही अभी काम शुरू करूँगा |

मैं जुगनू की नसीहत को भी याद रखूँगा जो तभी रोशनी देता है जब वह उड़ रहा हो , जब वह काम कर रहा हो | मैं एक जुगनू बनूँगा ताकि मेरी रोशनी से दुनिया में उजाला हो सके |
मैं आज के कामों से नहीं बचूँगा , उन्हें कल पर नहीं टालूंगा क्योंकि मैं जानता हूँ कि कल कभी आता | मैं अभी काम करूँगा | हो सकता है कि मेरे कामों से मुझे सुख या सफलता न मिले, परंतु काम करना और असफल हो जाना , काम न करने और छटपटाने से हमेशा बेहतर है |

मैं आज ही अभी काम शुरू करूँगा |

केवल काम ही बाजार में मेरे मूल्य को निर्धारित करता है और अपने मूल्य को कई गुना करने के लिए मुझे अपने काम को कई गुना करना पड़ेगा |
मैं खुद को आज्ञा दूँगा और मैं अपनी खुद की आज्ञा का पालन करूँगा | सफलता इंतजार नहीं करेगी | अगर मैं देर लगाऊंगा तो वह हमेशा के लिए मुझसे दूर हो जाएगी |
यही सही समय है | यही सही जगह है | 
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दुनिया का सबसे महान सेल्समैन

दसवां ताड़पत्र

मैं प्रार्थना करूँगा |

कौन होगा जिसने विपत्ति में या दुःख में भगवान को कभी याद न किया हो | किसने उसे नहीं पुकारा होगा जब वह खतरे में हो, जब उस पर मौत मंडरा रही हो या उसके सामने कोई ऐसी बात हो , जो उसके सामान्य अनुभव या समझ से बाहर हो | यह गहन अनुभूति कहाँ से आती है जिसके कारण हर जिन्दा आदमी संकट की घड़ी में भगवान को पुकारता हो |
प्रकृति के इस सबसे महान रहस्य को समझने के लिए जरुरी नहीं है कि मेरा जीवन धार्मिक हो | धरती पर रहने वाला हर प्राणी , जिसमें इंसान भी शामिल है , मदद के लिए चिल्लाता है |
क्या हमारी मदद की गुहार एक प्रार्थना नहीं होती ? तो ऐसी कोई महान शक्ति होगी जो हमारी पुकार सुन सकती हो और इसका जवाब दे सकती हो |

मैं प्रार्थना करूँगा |

हे प्रभु ! तुमने सारी दुनिया बनायी है , मैं तुम्हारे अलावा किससे मदद मांगू ? जब तक मुझे तुम्हारा हाथ का सहारा नहीं मिलेगा मैं उस रास्ते से भटक जाऊंगा जो सफलता और सुख की तरफ ले जाता है |
हे प्रभु ! मुझे सही राह दिखाओ ताकि मैं अपने अवसरों के अनुरूप योग्यता हासिल कर सकूं |
हे प्रभु ! अपने लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए मुझे पर्याप्त जीवन दो , परंतु मेरी मदद करो ताकि मैं हर दिन को अपने जीवन के आखिरी दिन की तरह जी सकूँ |
हे प्रभु ! कोशिश करने और बार-बार कोशिश करते रहने की आदत डालने में मेरी मदद करो | कृपा करके मुझे अवसर पहचानने की योग्यता दो , परंतु मुझे वह धैर्य भी दो जिससे मेरी शक्ति एकाग्र हो सके |
हे प्रभु ! यह सीखने में मेरी मदद करो कि सभी चीजें गुजर जाएँगी |
हे प्रभु ! ये सभी चीजें तभी होंगी जब तुम्हारी कृपा होगी | निश्चित रूप से , मेरे लिए कोई खास जगह होनी चाहिए | मेरा मार्गदर्शन करें | मेरी मदद करें | मुझे राह दिखाएं|

कई सालों बाद .....

तो इन ताड़पत्रों पर लिखे सिद्धांतों को जीवन में उतारने के बाद हाफिद अपने समय के बहुत ही शक्तिशाली आर्थिक साम्राज्य का मालिक बन चुका था | उसके पास बेशुमार दौलत और शोहरत थी | अपने जीवन के अंतिम समय में उसने अपने सभी मैनजरों को पांच- पांच दीनार और अपने सबसे वफादार खजांची इरेस्मस को पचास हजार दीनार बतौर इनाम दे दिया | उसके पास अब केवल एक काम बाकी था | इतने बड़े आर्थिक साम्राज्य की असली संपत्ति यानि वे दस महान ताड़पत्रों के लिए वह उत्तराधिकारी का इंतज़ार कर रहा था | उसके बाद अपनी सारी दौलत को इस शहर के गरीबों में बांटकर और अपने वफादार खजांची इरेस्मस को अपने महल और गोदाम का मालिक बनाकर ,  इस दुनिया को विदाकर अपनी लीशा के पास हमेशा के लिए चले जाना था |
अपने समय का सबसे शक्तिशाली बिजनेस साम्राज्य अब नहीं रहा |
और इस तरह हाफिद सूने महल में इंतज़ार करता रहा कि कोई आयेगा जो इन ताड़पत्रों को उससे लेगा | हाफिद के पास साथी के नाम पर उसका वफादार खजांची ही था | वह मौसमों को आते-जाते देखता रहा और बुढ़ापे की कमजोरी के कारण वह अपने बगीचे में चुपचाप बैठने के अलावा कुछ नहीं कर सकता था |
वह इंतजार करता रहा | ........ वह इंतजार करता रहा |
और एक दिन अचानक |
एक अजनबी लंगड़ाता हुआ दमिश्क में दाखिल हुआ | उसने इरेस्मस से हाफिद से मिलने की इच्छा जाहिर की | फिर इरेस्मस उसे हाफिद के सामने ले आया | उस अजनबी ने बताया मेरा नाम पॉल है | मैं येरुशलम से आया हूँ | मैं यहूदी जाति का हूँ | लगभग चार साल पहले येरुशलम में स्टीफेन नाम के एक धार्मिक आदमी की रोम के लोगों ने पत्थरों से मार- मार कर हत्या कर दी थी | उसका दोष सिर्फ इतना था कि वह ईसा मसीह नाम के एक व्यक्ति का अनुयायी था | जिसे स्टीफेन की मौत के एक साल पहले रोमन लोगों ने सलीब पर टांग दिया था | पॉल ने बताया कि वह स्टीफेन की मौत के समय रोमन सम्राट का गवाह था क्योंकि वह उस समय सच को पहचान नहीं पाया था |
स्टीफेन का अपराध यह भी था कि उसकी नजर में ईसा मसीह ही वे मसीहा थे , जिनके आने की खबर कई यहूदी भविष्यवक्ताओं ने दी थी | जैसा कि उसने बताया वह भी स्टीफेन की मौत की सजा में शरीक था |  
पॉल ने बताया मुझे रोमन पुजारियों का आदेश था कि मैं दमिश्क तक जाऊं और ईसा मसीह के हर अनुयायी को जंजीर में बांधकर येरुशलम में सजा के लिए ले आऊं |
इतना सुनते ही हाफिद और इरेस्मस एक दुसरे को हैरानी से देखने लगे |
पॉल ने आगे कहा कि अपने दिल में हत्या के भाव से मैं दमिश्क में दाखिल हुआ तो आसमान में एक बिजली गिरी और मैं जमीन पर फिंका गया | उसी समय एक आवाज  मैंने अपने कानों में सुनी | उस आवाज ने कहा कि मैं ईसा मसीह हूँ | दमिश्क में जाओ और तुम्हे बताया जायेगा कि तुम्हें क्या करना है | अपने साथियों के साथ मैं दमिश्क में एक ईसा मसीह के अनुयायी के घर पर ही रुका | उसने बताया कि उसे सपने में मुझसे मिलने का आदेश दिया गया था | उसने मेरी आँखों पर हाथ फेरा और चमत्कार हो गया | मेरी आँखों की रोशनी लौट आयी | उसके बाद मेरा हृदय परिवर्तन हो गया |
वहां उपस्थित लोगों के सामने मैंने ईसा मसीह के उपदेश दिए | परंतु लोगों में आतंक फ़ैल गया | क्योंकि मेरी छवि ईसा मसीह के अनुयायियों पर जुल्म ढहाने वाले की थी | मैंने उन लोगों से कहा कि जिसे सलीब पर टांगा गया था वह ईश्वर का पुत्र था | लोगों को संदेह था कि मैं शायद किसी चालबाजी के कारण ईसा मसीह की बातें कर रहा हूँ क्योंकि मैं ही तो था जिसने येरुशलम में तबाही मचाई थी | मैं उन्हें विशवास दिलाने में असफल रहा कि मेरा हृदय परिवर्तन हो गया था | कई लोगों ने मेरी हत्या की योजना बना ली थी | मैं भागकर वापस येरुशलम आ गया | वहां भी घटनाएँ दमिश्क की तरह हुई | ईसा मसीह के अनुयाई मेरे करीब नहीं आते थे क्योंकि उन्हें भी दमिश्क के मेरे उपदेशों के बारे में पता चल गया था |
एक दिन मुझे फिर वही आवाज सुनाई दी |
इस बार उस आवाज ने क्या कहा ? इरेस्मस ने हैरानी से पूछा |
उस आवाज ने कहा कि तुमने सिर्फ कुछ लोगों को ही रोशनी दिखाई है | इस दुनिया में तुम्हें ईश्वर का सन्देश भी बेचना पड़ेगा | दमिश्क लौटो | और उसे खोजो जिसे दुनिया का सबसे महान सेल्समेन कहा जाता है | अगर तुम मेरे सन्देश को पूरी दुनिया में फैलाना चाहते हो तो वही इसका रास्ता दिखायेगा |
पॉल ने ईसा मसीह के बारे में बताया कि किस तरह यहूदी लोग सदियों से अपने मसीहा का इंतज़ार कर रहे थे जो उन्हें एकता के सूत्र में बांधकर सुख और शांति का स्वतंत्र साम्राज्य स्थापित करेगा | पॉल ने ईसा मसीह के उपदेशों के बारे में , मुर्दा लोगों को जिन्दा करने के बारे में , और उनके सलीब पर टाँगे जाने, दफनाये जाने और फिर से जिन्दा होने की कहानी सुनाई |
और अंत में अपनी बात ख़तम करते हुए पॉल ने अपने गट्ठर से लाल वस्त्र निकाला , जिसे उसने हाफिद की गोद में रख दिया | और कहा यह रही ईसा मसीह की छोड़ी गयी सारी सांसारिक दौलत | मैंने बड़ी मेहनत से इसे तब हासिल किया था जब मैं आखिरी बार येरुशलम में आया था |
हाफिद का चेहरा पीला पड़ गया | उसके हाथ कांपने लगे | उसने खून से सने उस वस्त्र को पलटाया | उस पर एक कोने में छोटा सा सितारा बना था | सितारे के बगल में एक वर्ग के अंदर गोले का निशान था | .......पाथरोस का व्यापारिक निशान |
वस्त्र को जकड़े हुए हाफिद ने कांपती आवाज में धीरे से पूछा ईसा मसीह के जन्म के बारे में लोग क्या जानते हैं ?
पॉल ने कहा वे बेथलेहम की एक गुफा में पैदा हुए थे |
इतना सुनने के बाद हाफिद के झुर्रीदार गालों पर आंसू बहने लगे | अपने आंसुओं को पोछते हुए हाफिद ने फिर पूछा बच्चे के जन्मस्थान के ऊपर आसमान में एक चमकीला सितारा नहीं उगा था ?
पॉल का मुँह खुला परंतु वह कुछ बोल नहीं सका | बोलने की कोई जरुरत भी नहीं थी | बूढ़े हाफिद ने पॉल को गले से लगा लिया और इरेस्मस से कहा वफादार दोस्त ! जाओ और ताड़पत्रों वाला संदूक ले आओ|

तो दोस्तों ! अदभुत और दिल को छू लेने वाली कहानी यहीं पर समाप्त होती जाती है | लेखक ने अपनी इस कहानी में एक महान सन्देश दिया है कि कोशिश करने के बाद जो असफलताएं जीवन में मिलती हैं उनसे हमें हार मानने की जरुरत नहीं है | क्योंकि हर असफलता हमें कुछ न कुछ सिखाती जरुर है | और इस तरह वह आने वाली किसी न किसी सफलता से जरुर जुड़ी होती है |

दोस्तों ! इसी के साथ मैं ये बुक समरी यहीं पर समाप्त करता हूँ | आप सभी सबका बहुत-बहुत धन्यवाद |
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