RUK JANA NAHIN TU KAHIN HAAR KE HINDI GANA
Ruk Jana Nahin Tu Kahin Haar Ke Hindi Gana |
गाना - रुक जाना नहीं तू कहीं हार के RUK JANA NAHIN TU KAHIN HAAR KE
फिल्म - इम्तिहान
संगीतकार - लक्ष्मी कांत प्यारे लाल
गीतकार - मज़रूह सुल्तानपुरी
गायक - किशोर कुमार
Ruk Jana Nahin Tu Kahin Haar Ke Hindi Gana |
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही , ओ राही
ओ राही , ओ राही
सूरज देख रुक गया है तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले हैं अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जातें दिन इन्तजार के
ओ राही , ओ राही
ओ राही , ओ राही
साथी न कारवां हैं ये तेरा इम्तिहां है
यूँ ही चला चल दिल के सहारे
करती है मंजिल तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के
ओ राही , ओ राही
ओ राही , ओ राही
नैन आँसू जो लिए हैं ये राहों के दिए हैं
लोगों को उनका सब कुछ देके
तू तो चला था सपने ही लेके
कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के
ओ राही , ओ राही
ओ राही , ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही , ओ राही
ओ राही , ओ राही
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